logo

कला संकाय

कला संकाय

कला संकाय

दृष्टि (विज़न)

कला संकाय, कला और मानविकी में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए समर्पित होने का साथ-साथ अपने संरक्षण में स्पष्ट नीति एवं योजना के साथ सभी विभागों के अकादमिक नेतृत्व में लगा हुआ है। कला संकाय के पास समग्र सांस्कृतिक प्रतिमानों में निहित एक समृद्ध विरासत है और संकाय ज्ञान के अग्रणी क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए प्रासंगिक क्षेत्रीय और वैश्विक आवश्यकताओं के लिए प्रतिबद्ध है।


ध्येय (मिशन)

Ø एक नवोन्मेषी शिक्षाशास्त्र को प्रोत्साहित करना और सुगम बनाना।

Ø छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए उपयोगी और प्रगतिशील वातावरण तैयार करना।

Ø अंतर और बहु-अनुशासनात्मक अध्ययन में संलग्न होना।

Ø पाठ्यचर्या, सह-पाठयक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों की विवेचनात्मक शक्ति को धार देना और उनकी रचनात्मक क्षमता को बढ़ाना।

Ø आउटरीच और विस्तारण गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण विकसित करना।

Ø स्थापन सभाएं, कैरियर उन्मुख कार्यशालाएं और परामर्श कार्यक्रम आयोजित करना।

Ø राष्ट्र-निर्माण, सामाजिक-सद्भाव, सामुदायिक कल्याण, विरासत संरक्षण के मूल्यों को मज़बूत करना और सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देना।


संकाय प्रणाली, जनवरी 1944 में डॉ. जिया-उद-दीन अहमद (1941 से 1947) के कुलपति-कार्यालयन के दौरान शुरू की गई थी और इस दौरान चार संकायों— धर्मशास्त्र, कला, विज्ञान और इंजीनियरिंग— की स्थापना की गई थी।


कला संकाय के विभाग

विश्वविद्यालय परिसर के मध्य में स्थित कला संकाय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संकायों में से एक है जिसमें 10 विभाग शामिल हैं: अरबी, आधुनिक भारतीय भाषाएँ, अंग्रेज़ी, उर्दू, दर्शनशास्त्र, फ़ारसी, भाषा विज्ञान, ललित कला, संस्कृत और हिंदी। संकाय संबंधित विभागों में विभिन्न भाषाओं में कई पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है।



कला संकाय के कार्यक्रम (प्रोग्राम)

कला संकाय संबंधित विभागों में विभिन्न कार्यक्रमों (प्रोग्राम) को उपलब्ध कराता है जिनमें शामिल हैं :

Ø कला स्नातक : तीन साल का उपाधि कार्यक्रम

Ø कला परास्नातक : दो साल का कार्यक्रम

Ø अनुसंधान कार्यक्रम : पीएच.डी. और पोस्ट-डॉक्टरेट

Ø कई अंशकालिक और पूर्णकालिक डिप्लोमा/सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम


सुविधाएँ

संकाय में वाई-फाई सक्षम इंटरनेट सेवाऔर दिव्यांगों के लिए लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही संकाय के प्रत्येक विभाग के पास एक पुस्तकालय की भी उपलब्धता है।


हाइलाइट्स

नवंबर 2022 में अधिष्ठाता, कला संकाय द्वारा स्थापित जदल : अलीगढ़ विवेचनात्मक मानविकी समूह, एक विमर्श का मंच है, जो विभिन्न विभागों और अंतर अनुशासनिक अध्ययन केंद्रों के शिक्षकों और छात्रों के बीच विद्वतापूर्ण संवाद, विमर्श और बहस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

2013 में, इंडिया टुडे द्वारा सूचीबद्ध भारत के सर्वश्रेष्ठ ललित कला महाविद्यालयों में कला संकाय के ललित कला विभाग को 10वां स्थान दिया गया था।

अंग्रेज़ी विभाग, विश्वविद्यालय का सबसे पुराना विभाग है। विभाग मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज के दिनों से चल रहा है— अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्वाधिकारी सर वाल्टर रैले, ऑक्सफोर्ड में अंग्रेज़ी के पहले प्रोफ़ेसर बनने से पूर्व, 1885 से 1887 तक मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज में अंग्रेज़ी के प्रोफेसर के रूप में काम कर चुके थे। रैले लिटरेरी सोसाइटी नियमित रूप से विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है।


संकाय के अल्युमनाई

दार्शनिक सैयद जफ़रुल हसन दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे और कला संकाय के अधिष्ठाता रह चुके हैं।